कैंची धाम काठ गोदाम से 37 किलोमीटर की दूरी पर शिप्रा नदी, जो थोड़ी ही दूरी पर गरमपानी नामक स्थान पर कोसी नदी में मिल जाती है, के किनारे एक छोटा सा मंदिर प्रांगण है। नीब करोली बाबा के देश विदेश में 108 मंदिर हैं, जिनमें से एक कैंची धाम है जिसकी स्थापना स्वयं बाबा ने वर्ष 1964 में मूलतः हनुमान मंदिर के रूप में की थी। तब से लेकर 1973 में वृंदावन में महाप्रयाण तक उन्होंने अपना दैहिक जीवन कैंची धाम में ही बिताया था.
बाबा नीब करौली को मानने वालों में विदेशी सेलिब्रिटी भक्त स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग बड़े नाम हैं. इंटरनेट में बाबा के विषय में जानकारी भरी पड़ी है.
कैंची धाम के लिए हल्द्वानी से बसें चलती हैं और काठगोदाम तक आते आते प्रायः भर जाती हैं। इसलिए बस में आने वाले यात्री, बेहतर है, हल्द्वानी में ट्रेन से उतर कर बस पकड़ लें।
टैक्सी से आने वालों के लिए काठगोदाम उतरना बेहतर है क्योंकि यहां से कैंची धाम की दूरी अपेक्षाकृत कम है। इस जानकारी के अभाव में हम काठगोदाम उतरे थे, इसलिए बस का विकल्प हमारे पास था ही नहीं.
काठगोदाम से कैंची धाम का हैचबैक का किराया 1200 से 1500 रुपये है। मोलभाव करके सीज़न के अनुसार कम भी हो जाता है। हमने स्टेशन पर थोड़ा धैर्य रखा और मात्र 800 रुपये देकर कैंची धाम पहुँच गए वैगन आर में।
कैंची धाम पर अनेक छोटे छोटे होमस्टे उपलब्ध हैं. इन दिनों आम किराया 1500 से 2000 रुपये चल रहा है। इन होमस्टे की बुकिंग ऑनलाइन हो जाती है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कौन सा स्थान आपके लिए उपयुक्त रहेगा, यह देखकर ही पता चल सकता है।
होमस्टे के नाम पर चल रहे इन होटलों में प्रायः अच्छी सुविधाएं नहीं हैं. OYO रूम्स जैसे व्यवस्थित होटल कुछ दूरी पर हैं. जिनके पास अपनी कार आदि नहीं है उनके लिए दूर ठहरना कष्टकर हो सकता है क्योंकि कैंची में फिलहाल कोई व्यवस्थित transport भी नहीं है.
कैंची धाम के भीतर भी रहने की व्यवस्था है परन्तु बहुत जटिल है। कमरे धाम के पुराने श्रद्धालुओं की संस्तुति पर ही मिलते हैं। वहां प्रबंधक से तीन दिन तक बाबा और धाम के बारे में हुई बातचीत के आधार पर मेरी राय है कि धाम के भीतर रहने के विषय में जांच पड़ताल करना व्यर्थ है. धाम के सामने और निकट ही अनेक विकल्प हैं.
हम
निर्मल होम स्टे 8006817268
(संपर्क: भारत)
एवं
मारुति होमस्टे 8449434262
(संपर्क: विनोद)
में रहे थे. दोनों ही स्थान ठीक ठाक हैं. दोनों में किराया 1500 प्रतिदिन था.
मंदिर में पूजा, सफ़ाई आदि की व्यवस्था प्रशंसनीय है. प्रातः 7-20 पर और सायं 6-00 बजे आरती होती है. श्रद्धालु भी अनुशासित रहकर दर्शन लाभ करते हैं।
कैंची धाम के बाहर रेस्टॉरेंट/ढाबे आदि हैं, जहां हर बजट का भोजन मिल जाता है. अनुपम रेस्टोरेंट भोजन के लिए एक बहुत अच्छा स्थान है जहां हर प्रकार का स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन मिल जाता है।
#नीब_करोरी_बाबा_के_चार_धाम_की_यात्रा
कुमाऊँ क्षेत्र में निम्नलिखित चार आश्रम उनके चार धाम कहे जाते हैं. हमने टैक्सी द्वारा इन चारों धामों के दर्शन और नैनीताल के झील में नौका का आनंद एक ही दिन में ले लिया.
हनुमान गढ़ी के एकदम निकट है नैनीताल का तल्ली ताल. नौका विहार के बाद हमने रिक्शा ली और नैना देवी मंदिर के दर्शन भी किए, जो मल्ली ताल के किनारे बना है और जिनके नाम से नैनीताल को अपना नाम मिला है. रिक्शा /e रिक्शा का किराया मात्र 10 रुपये प्रति व्यक्ति है. झील के किनारे किनारे यह यात्रा पैदल भी की जा सकती है, जिसका अलग ही मज़ा है. नैना देवी मंदिर के साथ ही है नैनीताल का बाज़ार जो घूमने और खाने पीने की असंख्य संभावनाओं से भरा है.
1. #हनुमान_गढ़ी: नैनीताल के तल्ली ताल छोर के निकट ही एक पहाड़ी पर एक सुंदर और विशाल मंदिर है, हनुमान गढ़ी. इस क्षेत्र में बाबा द्वारा स्थापित यह पहला मंदिर था हनुमान जी का.
तदनंतर बाबा जी ने
2. #काकड़ी_घाट
और
3. #भूमियाधार
में हनुमान जी के मंदिर स्थापित किए. बाबाजी अनन्य भक्त थे हनुमान जी के.
4. #कैंची_धाम: बाबाजी यहां 1962 में आये थे और 1964 में इस धाम की स्थापना की थी उन्होंने.
कैंची धाम में हम तीन दिन रुके. सुबह शाम आरती और स्तुति में भाग लिया. बहुत आनंद मिला. मन तो नहीं भरा, परन्तु आगे तो बढ़ना ही था.
No comments:
Post a Comment